Saturday, April 26, 2008

मोहल्लों की प्रेमकथायें

आज शाम को घर के बाहर टहल रही थी तो कॉलोनी की छतों पर घूम घूम कर पढाई करते लड़के लड़कियों को देखा! बड़ा जोर का माहौल बना हुआ था पढाई का !अपने दिन भी याद आ गए साथ ही किताबों की आड़ से एक दुसरे को ताकते देखकर मुस्कराहट भी आ गयी! दरअसल आज भी मोहल्लों में बहुत सारे पहले प्यार छत पर घूम घूम कर पढ़ते समय ही होते हैं!

"मम्मी पढ़ने जा रहे हैं छत पर" शाम के ६ बजते ही सभी घरों के बच्चे सज धज कर छत पर पहुँच जाते हैं! मम्मी भी प्रसन्न "कितनी चिंता है पढाई की,टोकना नहीं पड़ता!लडकियां रोज़ नए फैशन के कपडे पहन कर छत पर जायेंगी...लड़के भी टिप टॉप रहने में कोई कसर नहीं छोडेंगे! हाथ में पानी की बोतल,कभी कभी कांच के गिलास में रूह आफ्ज़ा भी छत पर घूम घूम कर ही पिया जाता है! मज़े की बात ये है की आधे लोग इश्क फरमाते हैं...आधे आशिकों के मज़े लेते हैं!कुल मिलाकर किताबें उसी पेज पर हवा खाकर वापस लौट आती हैं!

अब अँधेरा हो गया, नीचे से मम्मी की आवाज़ आने लगी" चलो,नीचे आओ ,नीचे बैठकर पढो" "हाँ मम्मी, आते हैं,अभी तो दिख रहा है"
और सच भी है,दूसरी छत का सब कुछ दिख रहा होता है गोली मारो किताब में लिखे को..कमबख्त कोर्स की किताब को कौन पूछे जब सामने मोहब्बत की किताब खुली हो मोहब्बत की किताब का यही फायदा है...इसके अक्षर पढ़ने के लिए उजाले का होना नितांत गैर जरूरी है!खैर ज्यादा देर तक तो माँ को भी बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता,आधे घंटे में नीचे उतरना ही पड़ता है! कोई बात नहीं जहाँ चाह,वहाँ राह! अगर प्रेमी प्रेमिका का घर आमने सामने है तो सोने पे सुहागा! गर्मी के दिन हैं तो खिड़की खोलकर पढना तो लाज़मी है भाई...अब इसमें किसी का क्या दोष जो अगला भी खिड़की खोले ही बैठा है! और अगर दोनों में से किसी एक ने पहले खिड़की पर डेरा जमा लिया और दूसरे को आने में १० मिनिट ऊपर हो गए तो ये १० मिनिट तो क़यामत के समझो! जिसने इन दस मिनिटों का लुत्फ़ उठाया है वही समझ सकता है! अगर दोनों में से जिसने इंतज़ार किया है वो अगले को ज़रूर तड़पायेगा ,दूसरी खिड़की खुलते ही शिकायत भरी आँखों से एक बार देखकर मुंह फेर लेगा और किताब में सिर घुसा देगा जैसे मरा जा रहा हो पढ़ने को,किताब को भी पता होता है कि शुद्ध नौटंकी कर रहा है! अब अगला तब तक किताब में घुसे सिर को देखता रहेगा जब तक कि सिर ऊपर उठाकर देख न ले...और जैसे ही एक बार नज़र मिली देर से आने वाला कुछ अजीब सा मुंह बनाता है किसका अर्थ होता है "प्लीज़ माफ़ कर दो,आगे से ऐसा नहीं होगा" एक बार ऐसा मुंह बनाने से बात नहीं बनती,कम से कम ३-४ बार बनाना पड़ता है तब जाकर एक दूसरे अजीब से मुंह बना कर प्रतिक्रिया दी जाती है जिसका अर्थ होता है कि "ठीक है,ठीक है,इस बार माफ़ किया !अगली बार ध्यान रखना! फिर दोनों खुश होकर मुस्कुरा देते हैं!सुबह के ५ बजे तक इसी प्रकार गहन अध्ययन कार्य चलता है!


इसी प्रकार पढाई करते करते अब परीक्षा सर पर आ गयी! अभी तक तो बात करने का कोई बहाना नहीं था मगर अब काम शुरू होता है प्रश्न बैंक, 20 question और गैस पेपरों का ,इनकी अदला बदली से प्रेम का एक नया अध्याय प्रारंभ होता है ! खैर परीक्षा हुई,रिजल्ट आया! माता-पिता हैरान "बच्चे ने रात रात भर जाग कर पढाई की फिर भी नंबर इतना खराब" कॉपी जांचने वाला मुफ्त में गालियाँ खाता है ,शिक्षा व्यवस्था को भी कोसा जाता है! लेकिन बेटे बेटी को कोई गम नहीं! रिजल्ट चाहे जैसा आया हो....प्यार की गाडी तो आगे बढ़ ही जाती है.

6 comments:

अनूप शुक्ल said...

सच्ची प्रेम कथा है यह तो!

siddharth anand said...
This comment has been removed by the author.
Neeraj Rohilla said...

बहुत खूब,
हाय, हमारी भी एक पडोसन थी, उससे चुपके चुपके आँखे भी मिली पर अफ़सोस अगले ही दिन दीदी ने कहा कि छत पर जाकर क्या उस पगली की तरफ़ देखता रहता है । और पगली कहने का अंदाज ऐसा था कि उसका मतलब था कि सुधर जा वरना पिताजी तक बात चली जायेगी ।

उसके बाद घर से दूर चले गये, होस्टल की छत पर खडे होकर दूर दूर तक वीराना ही दिखता था :-)

Shiv said...

अजी उस उमर में तो हमने पढाई ही नहीं की. पढाई की होती तो प्रेम वगैरह भी होता. आज बड़ा पछतावा होता है. अगर पढाई में थोड़ा भी मन लगता तो कम से कम एक-आध प्रेम भी हो जाता.....पढाई में मन लगा भी तो सीए में पहुंचकर..संतोष इस बात है कि जैसे ही पढाई में मन लगा, प्रेम भी हो गया.....:-)

jinu boss said...

me bat us prem se agee ki karta hu

jinu boss said...

me bat us prem se agee ki karta hu jisne who prem kiya ho uske man ki sthiti baya karta hu
kar to bhetha wo prem samne khidki wali ladki se chupa ke apne papa mammi se
nikala time school ka or ja puhuche kollage me pyar chatha parwan
par le pata jindgi ki hakikat uses pahale chal gai ladki ke rishte ki bat kahi or khuda na kare yaha kisi ke sath ho
chlti gai rishte ki bat ek do nahi tin jagah
us pal ka ahsas baya karta hu "who ek pal"

"who ek pal"


"who ek pal" who ek pal"kisi ko gulab ka ehasas de gaya or kisi ko kante ki chubhan

"who ek pal" who ek pal"kisi ko asman ki uchui de gaya kisi or kisi ko patal ki gahari

"who ek pal" who ek pal"kisi ko chand ki chndni de gaya or kisiko tpti dopahari ki tapan

"who ek pal" who ek pal"kisiko mahal ka nivas de gaya or kisi ko karagrah ka vas

"who ek pal" who ek pal"kisi ko khusi ki lahar vde gaya to kisi ko gam ka sagar
ha ha me usi pal ki bat kar raha hu jab us ladke ko malum hota he ki uska pyar sansar jivan kisi or ko hogaya he

its human natcher ki yah ek pal har admi ki ki jindgi me ata he
or koi kahade ki meri jindgi me nahi ayay to mugse bat kar le 09001242566 jinen shah